प्रवेश की योग्यता तथा नियम

आयु-

प्रवेश के समय प्रवेशार्थी की आयु न्यून से न्यून ग्यारह वर्ष तथा अधिक से अधिक तेरह वर्ष हो। अन्य गुरुकुलों से अधीत प्रतिभावान् एवं चरित्रवान् छात्रों को योग्यता अनुसार कक्षाओं में प्रवेश दिया जा सकता है।

स्वास्थ्य- प्रवेशार्थी की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति ठीक एवं स्वस्थ होनी चाहिए।

प्रवेशकाल-

इस वर्ष दिनांक – 7 एवं 14 अप्रैल 2024 को प्रवेश हेतु छात्रों की मॉखिक तथा लिखित परीक्षा ली जाती है। इसमें उत्तीर्ण होने वाले छात्र प्रवेश की तिथि से अग्रिम 15 दिनों तक प्रवेश ले सकते हैं। तदुपरान्त आने वाले छात्र द्वारा दी गई परीक्षा के परिणामस्वरुप प्रवेश योग्य नहीं समझे जायेंगे। विशेष परिस्थितिवश कार्यकारिणी के निर्णयानुसार प्रवेशकाल में परिर्वतन किया जा सकता हैं। प्रवेश की सुचना तत्सम्बन्धी गुरुकुलों के फेसबुक पेज अथवा न्यास की वेबसाईट से प्राप्त किया जा सकता है।

प्रवेश कक्षा – हमारे यहॉं प्रवेश केवल कक्षा-6 के लिए किया जाता है।

आवेदन प्रपत्र-

१. पूर्व उत्तीर्ण श्रेणी की अंकतालिका।

२. स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र।

३. जन्म प्रमाण-पत्र।

४. छायाचित्र (छात्र-४, अभिभावक-२)

५. आधार कार्ड (छायाप्रति)

अनुमानित मासिक व्यय-

पालन-पोषण का न्यूनतम व्यय रु. 1500.00 मासिक होता है। जिसमें शुद्ध शाकाहारी भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

ब्रह्मचारियों को आवश्यकतानुसार औषध, पथ्य तथा प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा प्रदान की जाती है। रोग विशेष होने पर अभिभावक खर्च वहन करेंगे।

अभिभावकों को ब्रह्मचारियों की पुस्तकें, वस्त्र तथा घी आदि का व्यय देना होगा। पठन-पाठन सम्बन्धी शिक्षा पूर्णतः निःशुल्क रहेगी।

प्रवेश के समय देय राशि-

१.      प्रवेश शुल्क                     रु.            3100.00
२.     वार्षिक भोजन सहयोग    रु.            18000.00
                     कुल योग             रु.          21,100.00

आर्ष न्यास की व्यवस्था के अनुसार महंगाई के कारण समयानुसार व्यय में वृद्धि की जा सकती है।

वेश-भूषा- गुरुकुल के ब्रह्मचारियों की वेश-भूषा सफेद कुर्ता एवं कटिवस्त्र होगी। यह वेशभूषा विद्यालय तथा छात्रावास दोनों में अनिवार्य है।

आवश्यक वस्तु- ब्रह्मचारियों के दैनिक उपयोग के वस्त्र देना उनके अभिभावकों का उत्तरदायित्व है। ये वस्त्र गुरुकुल के नियत गणवेश के अनुरूप होने आवश्यक हैं, जो निम्न हैं-

  • कुर्ता-कटिवस्त्र    4
  • लंगोट         2
  • बनियान (सैण्डो) 2
  • तोलिया        1
  • दरी (दुतई)     1
  • खाकी निक्कर    2
  • ट्रंक           1
  • टी-शर्ट         2 (सफेद)
  • रजाई खोल सहित (सफेद) 1
  • गद्दा           1
  • चादर (ओढ़ने की) 1
  • बैडशीट         2  (गुलाबी, पीला, सफेद, क्रीम कोई एक प्लेन रंग)

कॉपी 8 (हिन्दी), 2 (अंग्रेजी), 1 (विज्ञान), पैन (नीले-2, काले-2), जयमिति बॉक्स-1

पात्र- ब्रह्मचारी के दैनिक उपयोग के लिए लगभग 2 लीटर स्टील का कमण्डल (डिब्बा), 1 चम्मच, 1 गिलास आवश्यक है।

विशेष- अभिभावकों को चाहिए कि वे ब्रह्मचारियों को मोबाईल अथवा किसी भी प्रकार का इलैक्ट्रोनिक उपकरण, घड़ी, अंगूठी, कड़ा आदि आभूषण तथा नगद धन न दें। अभिभावक विद्यार्थी की आवश्यकता हेतु जिसमें परीक्षा शुल्क तथा साबुन तेलादि के खर्च के लिए धन कार्यालय में अनिवार्य रूप से जमा करावें।

अनिवार्य-

ब्रह्मचारी द्वारा प्राप्त किसी भी समस्या की पुष्टि के लिए तत्कालरूप से आचार्य जी से विचार-विमर्श पूर्वक पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।

ब्रह्मचारी को अनावश्यक वस्त्र आदि वस्तुएं न दें।

अवकाश सम्बन्धी नियम-

  • विद्यालय में सामान्यतः अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है।
  • विशेष परिस्थितिवश प्रधानाचार्य जी की अनुमति से अवकाश प्रदान किया जा सकता है किन्तु कृपया अवकाश के लिए दबाव न डालें।
  • आज्ञा के बिना घर जाने पर पुनः प्रवेश नहीं होगा।

मिलना एवं पत्र व्यवहार-

  • अभिभावक को अपना तथा छात्र का हस्ताक्षर युक्त पासपोर्ट साईज का छायाचित्र कार्यालय में जमा कराना होगा।
  • अभिभावक या उसके द्वारा अधिड्डत व्यक्ति के अतिरिक्त अन्य कोई व्यक्ति विद्यार्थी से नहीं मिल सकेगा।
  • अभिभावक छात्रावास में सीधे न जाकर कार्यालय से अनुमति प्राप्त करके ही विद्यार्थी से मिल सकेंगे।
  • छात्र स्वेच्छा से सीधे रूप में कहीं भी पत्र व्यवहार नहीं कर सकेगा।
  • प्रत्येक मास के अन्तिम रविवार को ही दूरभाष पर सम्पर्क कर सकेंगे। अन्य दिनों में दूरभाष पर छात्र से
  • वार्तालाप करने का प्रावधान नहीं है। आचार्य जी के चलभाष पर केवल ब्रह्मचारी की जानकारी सम्बन्धित ही चर्चा कर सकते हैं, वार्तालाप के लिए न कहें।
  • अभिभावक को चाहिए कि छात्र की पाठ्यपुस्तकों एवं अभ्यासपुस्तिकाओं का निरीक्षण अवश्य करें।
  • अभिभावक बालक से पठन-पाठन एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी चर्चा ही करें। अन्य चर्चाओं से बालक का मन विचलित होता है।
  • अभिभावकों को चाहिए कि जब ब्रह्मचारी (छात्र) को मिलने आयें, तब आचार्यों से अनिवार्य रूप से सम्पर्क करें।

मर्यादाएँ –

  • आर्ष-न्यास द्वारा संचालित विद्यालय प्राचीन गुरु-शिष्य परम्परा पर आधारित हैं।
  • आचार्यों द्वारा निर्धारित अनुशासन का पालन प्रत्येक छात्र के लिए अत्यन्त अनिवार्य है।

छात्र का विद्यालय से पृथक् किया जाना-

  • यदि कोई छात्र हीन बुद्धि, किसी व्यसन (चोरी आदि) तथा संक्रामक रोग से युक्त होने के कारण गुरुकुल के अयोग्य समझा जायेगा तो वह पृथक् कर दिया जायेगा।
  • वंशानुगत अथवा किसी विशेष बीमारी से संक्रमित होने पर प्रवेश निरस्त कर दिया जायेगा।
  • जो छात्र प्रवेश होने के अनन्तर एक वर्ष तक निर्बुद्धि समझा जायेगा, अथवा जो वार्षिक परीक्षा में लगातार दो वर्ष तक अनुत्तीर्ण होता रहेगा वह भी पृथक् कर दिया जाएगा।
  • यदि कोई छात्र आचारहीनता का दोषी होगा अथवा गुरुकुल के नियमों का उल्लघन करता मिलेगा तो उसके दोषानुकूल उसको शारीरिक, मानसिक अथवा आर्थिक दण्ड दिया जायेगा या वह गुरुकुल से पृथक् करने योग्य समझा जायेगा तो उसे पृथक् किया जा सकता है।

शाखा संस्थाओं में छात्रों का स्थान परिवर्तन-

  • छात्र संख्या अधिक होने पर छात्र का परिवर्तन किया जा सकता है।
  • गुरुकुल के अति निकट ग्राम के छात्रों को अन्य संस्था में परिवर्तित किया जायेगा।
  • विशेष अध्ययन के लिए परिवर्तन किया जायेगा।
  • विशेष परिस्थिति अनुसार परिवर्तन किया जायेगा।

उपरोक्त सभी परिवर्तन का अधिकार आर्ष-न्यास को होगा। परिवर्तन से पूर्व अभिभावकों को सूचित किया जायेगा।

पाठ्यक्रम-आर्ष-न्यास अपनी सभी संस्थाओं में महर्षि दयानन्द द्वारा प्रतिपादित आर्ष परम्परा के अनुरूप प्राचीन व्याकरणादि सभी शास्त्रों की शिक्षा देता है, जिसकी मान्यता महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक तथा उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार एवं श्रीमद्दयानन्द आर्ष विद्यापीठ से स्वीकृत है। अधिकारी परीक्षा आर्ष-न्यास स्वयं लेता है।

प्रथमा एवं मध्यमा श्रेणी के छात्रों द्वारा अध्ययन मध्य में ही छोडने पर स्थानान्तरण प्रमाण पत्र नहीं दिया जायेगा। माईग्रेशन सर्टिफिकेट सीधे विश्वविद्यालय से छात्र द्वारा प्राप्त किया जा सकता। इसमें गुरुकुल की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

आर्ष-न्यास निम्नलिखित परीक्षाओं की व्यवस्था करता है-

 

परीक्षा का नाम अवधि समकक्ष
अधिकारी (प्रथमा) त्रिवार्षिक 6-7-8
पूर्व मध्यमा द्विवार्षिक 10
उत्तर मध्यमा द्विवार्षिक 12
शास्त्री त्रिवार्षिक बी.ए. ऑनर्स
आचार्य द्विवार्षिक एम.ए.

 

प्रवेश परीक्षा  दिनांक – 7 एवं 14 अप्रैल 2024

प्रवेश-नियमावली 2023-24

प्रवेश परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम

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